वाल्मीकि नगर (Valmiki Nagar) मे आप फील कर सकते है कश्मीर की वादियाँ
Table of Contents
वाल्मीकि नगर (Valmiki Nagar) बिहार के पश्चिमी चंपारण में स्थित है. वैसे तो पूरा बिहार ही ऐतिहासिक एवं पौराणिक समता है रखता है. वाल्मीकि (Valmiki Nagar) का नाम पहले रत्नाकर था, जो लोगों से सामान छीनकर अपना जीवन यापन करते थे। बाद में उन्हें पछतावा हुआ और उन्होंने प्रायश्चित करने का फैसला किया। वाल्मीकि नगर में मकर संक्रांति के समय में यहां हर साल त्यौहार आयोजित किया जाता है। गंडक नदी वाल्मीकि नगर की सुंदरता में चार चांद लगाती है। बिहार एक ऐतिहासिक जगह है जिसने बड़े-बड़े राजा जैसे मौर्य और गुप्ता डायनेस्टी को फलते फूलते तथा नष्ट होते देखा है. बड़े-बड़े साम्राज्य का सर्वोदय तथा अंत देखा है.
बिहार में गया, वैशाली, राजकीय जैसी कई ऐतिहासिक जगह है. महात्मा बुद्ध स्मरण करना हो तो लोग बहुत गया जाते हैं, सम्राट अशोक को याद करना हो तो वैशाली जाते हैं. कुल मिलाकर हमेशा से पूरे भारत को इसी बिहार से नियंत्रित किया गया है. क्योंकि पाटलिपुत्र राजाओं के जमाने में पूरे भारत की राजधानी रही है.
आज हम आपको इन सब से अलग पश्चिमी चंपारण लिए चलते हैं जहां आपको बिल्कुल भी महसूस नहीं होगा कि आप बिहार में है बल्कि आप खुद को कश्मीर की वादियों में पाएंगे. यहां पर दूर-दूर तक बहती गंडक नदी, इन के किनारे पर बसे हुए घने जंगल आपको शांति का अद्भुत एहसास देते हैं. पूरी दुनिया से कटा हुआ महसूस करेंगे आप यहां जब कभी भी घूमने आएंगे. पर्यटक के नजरिए से यह बिहार का सबसे चर्चित जगह है पूरे देश से लोग यहां घूमने व टाइगर रिजर्व देखने आते हैं.
वाल्मीकि नगर (Valmiki Nagar) अपनी सीमाएं नेपाल तथा उत्तर प्रदेश से साझा करता है. दिन की भरे उजाले में आप यहां की नदियों में हिमालय पर्वत की परछाई देख पाएंगे. साफ-सुथरे जल तथा रामायण के रचेता बाल्मीकि एवं सीता का वास है यहां. लव कुश का जन्म भी इसी जंगल में हुआ था. हर तरह से अद्भुत है ये पावन धरती.
(Valmiki Nagar) मे बाघों का कर सकते हैं दीदार
यहां आप बाघों का दीदार कर सकते हैं. जंगल सफारी का आनंद ले सकते हैं. गंडक नदी के जलाशय मे नौका विहार का अलग ही मजा है. इसके अलावा ट्री हट पर बैठ कर जब आप दूर तक के शांत वातावरण को निहारते हैं रोमांच का स्तर अलग ही होता है. पौराणिकता की ओर चलें तो सोनभद्र, ताम्रभद्र और नारायणी के पवित्र मिलन को त्रिवेणी संगम कहा गया है
बाघ परियोजना के लिए आरक्षित इलाका
जानकारी के मुताबिक, यहां बसा वाल्मीकि टाइगर रिजर्व बिहार का इकलौता और भारत के प्रसिद्ध प्राणि उद्यानों में से एक है. 880 वर्ग किलोमीटर जंगल का 530 वर्ग किलोमीटर इलाका बाघ परियोजना के लिए आरक्षित है. जंगल सफारी के दौरान पर्यटकों को बाघों का दीदार रोमांच पैदा करता है. नेपाल और यूपी की सीमा पर स्थित यह टाइगर रिजर्व प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है. सर्दियों के मौसम में यहां से हिमालय पर्वत श्रृंखला का दीदार कश्मीर की हसीन वादियों की याद ताजा करा देती है.