पहला जिला जिसके सभी पंचायतों में खुला पुस्तकालय
“शिक्षा से बड़ा कोई संपत्ति नहीं, इस वाक्यों को चरितार्थ किया बिहार के एक जिले ने ”
बिहार का पूर्णिया जिले के डीएम राहुल कुमार की सराहनीय पहल, 25 जनवरी, 2020 को जिले में किताब दान अभियान का शुभारम्भ किया गया।
देश का पहला जिला बना पूर्णिया जिले के सभी छोटे बड़े पंचायतो में पुस्तकालय खोलने का कृतिमान बनाया, बिहार के पूर्णिया जिले नें सभी पंचायतों में खोला पुस्तकालय। भारत का पहला जिला बिहार का पूर्णिया हैं जिसके सभी पंचायतो में पुस्तकालय संचालित हो रहे है. इस बेहतर प्रयास की प्रंशसा निति आयोग ने भी की हैं.। आकांशी जिला कार्यक्रम के दौरान पूर्णिया जिला को निति आयोग ने चार करोड़ रूपये की धनराशि पुरस्कार स्वरूप दियें हैं.। पुरस्कार स्वरुप मिली धनराशि के व्यय की स्वीकृति विगत दिन वर्चुवल माध्यम से नीति आयोग की 29 वीं एंपावर्ड कमेटी की बैठक में दी गयी हैं.। बैठक में पूर्णिया की एमएचएम फ्रेंडली टॉलेट के लिए 0.49 करोड़, कुपोषित बच्चों के वजन जांच की खरीदारी करने क लिए आंगनवाड़ी केन्द्रो को 1.29 करोड़ तथा मॉडल पंचायत पुरस्कार के लिए 2.22 करोड़ कुल चार करोड़ रूपये के परियोजना की स्वीकृति प्रदान की गयी हैं.।
पहला जिला जिसके सभी पंचायतों में खुला पुस्तकालय
डीएम राहुल कुमार की पहल से बिहार, एक बार फिर से पुस्तकालय के क्षेत्र कृतिमान पुरे विश्व में भारत का झण्डा लहराएगा। विश्व का पहला विशाल पुस्तकालय बिहार के नालंदा जिले थे अवस्थित था, तुर्की शासक बख्तियार खिलजी ने नालंदा विश्वविद्यालय में आग लगवा दी थी। कहा जाता है कि विश्व विद्यालय में इतनी पुस्तकें थी की पूरे तीन महीने तक यहां के पुस्तकालय में आग धधकती रही। उसने अनेक धर्माचार्य और बौद्ध भिक्षु मार डाले। खिलजी ने उत्तर भारत में बौद्धों द्वारा शासित कुछ क्षेत्रों पर कब्ज़ा कर लिया था।
1199 में लगाई गई थी आग
नालंदा का विश्वविद्यालय, दुनिया का पहला विश्वविद्यालय था जहाँ कई देशो के छात्र शिक्षा ग्रहण करने आते थे।
गूगल प्ले स्टोर से हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिए क्लिक करें।
केंद्रीय विद्यालय में बिना परीक्षा शिक्षक बनने का सुनहरा अवसर, जाने योग्यता व वेतनमान।