मैं नया लेखक हूँ पटना से सपोर्ट चाहिए : अरुण कुमार
आज हम ऐसे लेखक की बात करने जा रहे है जो अपनी पत्नी के साथ सड़क किनारे खड़े होकर एक टेबल पर अपने लेखन की प्रकाशित पुस्तक बेच रहे हैं।
पटना यूनिवर्सिटी से गुजरते हुए लोगो की नजर एक युवक और युवती पर पड़ी। दोनों युवक युवती सड़क किनारे अपने हाथो में पोस्टर लिए खड़े हैं। पोस्टर पर लिखा है: मैं नया लेखक हूँ। पास में एक टेबल था, जिसपर 15-20 किताबें राखी थी। आस पास के लोगो से पूछने पर पता चला की ये पिछले आठ घण्टे यूँ ही खड़े हैं और पिछले कई दिनों से दिनभर यूँ ही खड़े रहकर अपनी किताबे बेचते हैं। आसपास कोई कुर्सी या बैठने का कोई साधन नहीं था। लोग हैरान थे- जब उन्हें पता चला की दोनों पति- पत्नी हैं। हाथ में पोस्टर ली हुई युवती ने अपने साथ खड़े पोस्टर बॉय इशारा करते हुए कहा की इन्होंने ने ही किताब लिखी – “वीरा की शपथ” । अरुण कुमार इन्हीं का नाम हैं और ये उपन्यास पांच फरवरी को ही लांच हुई हैं। दिन भर हाथ में पोस्टर लिए खड़े रहते हैं, हाथ दर्द नहीं करता क्या? जवाब था – असफलता से बड़ा कोई दर्द नहीं। उनकी बातें लोगों के दिल को छूती और वे किताब खरीद चुपचाप वहाँ से आगे बढ़ जाते। पुस्तक की शुरुवात में ही एक दोहा लिखा था जो मंत्रमुग्ध कर रहा था।
” हर औरत तेरी जागीर नहीं
हर औरत कोई छिनार नहीं,
जो बस कपड़ों के भीतर झाँके
उसे मर्द कहलाने का अधिकार नहीं।कुदरत के पाक शहर को
हवस की मंडी समझे ,
वो मर्द मर्द ही क्या
जो हर औरत को रंडी समझे।’
लेखक अरुण कुमार अपने पत्नी के साथ
पटना युनिवर्सिटी के सड़क किनारे का यह मंजर इस बात का सिख दे रहा की कर्मठ व्यक्ति और कदम से मिलकर साथ देने वाली पत्नी मिलें तो मुश्किल राह भी आसान हो जाते हैं। वर्तमान में इस दृश्य का देखा जाना काफी विरले है। आधुनिक युग के इस लहर में कमर्ठ और पति के सपनो को अपना सपना मान कदम से कदम मिला कर चलने वाली युवती/पत्नी का मिलना अपने आप में मनोरम दृश्य हैं। वो कहते है ना अगर देवी रूपी स्त्री का साथ सानिध्य मिल जाये तो व्यक्ति, समाज और सृष्टि का कल्याण हो जाता है।
इस दृश्य और लगन से प्रभावित होकर बहुत सारे युवा इन “युवा दम्पति” का साथ दे रहे हैं। कई युवा अपने हाथो में पोस्टर लिए साथ खड़े होकर पुस्तक विक्री में सहयोग कर रहे हैं। तो कई युवा सोशल मीडिया के माध्यम से से लगातार प्रमोशन कर, लेखक दम्पति का मनोबल बढ़ा रहे हैं। इस युवा लेखक दंपति का मनोबल बढ़ाने के लिए उपन्यास “वीरा की शपथ” को अमेज़न से खरीद सकते हैं।
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मैं नया लेखक हूँ पटना से सपोर्ट चाहिए : अरुण कुमार
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