UP Election 2022: कौन कितना मजबूत भाजपा, सपा, बसपा या आम आदमी पार्टी
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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Election) में प्रतिस्पर्धा का बिगुल बज चुका है. सभी राजनीतिक दल अपनी एड़ी चोटी का जोर लगाकर, यूपी को जीतने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि बढ़ते कोरोनावायरस को देखते हुए फिलहाल किसी भी तरह की रैली करने से सभी पार्टियों को मना किया गया हैं. कुल 7 चरणों मे होगा UP Election, 10 march, को आएगा परिणाम.
10 फरवरी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 10 जिलों की 58 सीटों पर मतदान होना है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में एक लोनी विधानसभा सीट भी शामिल है. इस विधानसभा सीट पर भाजपा ने अपनी मौजूदा विधायक नंदकिशोर गुर्जर को मैदान में उतारा है. राष्ट्रीय पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के गठबंधन से मदन भैया मैदान में उतर चुके हैं, बहुजन समाज पार्टी से हाजी अकील और कांग्रेस से यासीन मलिक इस स्पर्धा में हैं.
UP Election मे लोनी सीट का इतिहास
गाजियाबाद के लोनी विधानसभा सीट का आगमन 2008 में परिसीमन के बाद हुआ. 2012 में पहली बार इस सीट पर हाजी जाकिर अली विधानसभा चुनाव लड़े और जीते थे.
2017 के यूपी इलेक्शन में बीजेपी ने अपने प्रत्याशी नंदकिशोर गुर्जर को टिकट देकर इस सीट पर उतारा था. मुकाबले के दौरान नंदकिशोर गुर्जर ने बसपा के प्रत्याशी जाकिर अली को करीब 40000 वोटों से मात दी थी.
मुस्लिम बाहुल्य सीट है लोनी
लोनी में गुर्जर, ब्राह्मण, त्यागी, मतदाता निर्णायक वोटर की भूमिका निभाते हैं. इसके अलावा यहां वैश्य गढ़वाली पूर्वांचली मतदाता भी मौजूद है. मुस्लिम बाहुल्य विधानसभा सीट होने के साथ-साथ लोनी मे वोटर्स की आबादी करीब 4:30 लाख है.
वैसे तो गाजियाबाद के सभी 5 विधानसभा सीटों से कुल 73 प्रत्याशियों ने पर्चा भरा है. इनमें ज्यादातर प्रत्याशी अपराधिक छवि वाले हैं, और उसमें भी जाकर लोनी के प्रत्याशियों की छवि अपराधिक है. किस विधानसभा क्षेत्र में विरोधियों के चुनाव लड़ने के कारण राजनैतिक माहौल पहले से गर्म है. यही वजह है कि पुलिस प्रशासन की खास नजर है इस क्षेत्र पर.
भाजपा प्रत्याशी पर सबसे ज्यादा मुकदमा विधायक और लोनी के भाजपा के प्रत्याशी नंदकिशोर गुर्जर पर हैं. नंदकिशोर गुर्जर पर अलग-अलग थानों में 5 आपराधिक मुकदमे दर्ज है. निर्दलीय प्रत्याशी रंजीता धामा के खिलाफ आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का एक मामला दर्ज है. इसके अलावा रालोद सपा गठबंधन के प्रत्याशी मदन भैया पर भी दो मुकदमे दर्ज है. लोनी की इस आपराधिक छवि को देखते हुए पुलिस प्रशासन के लिए बड़ी जिम्मेदारी है वहां शांतिपूर्ण इलेक्शन करवाना.